पांच सरकारी नौकरी छोड़ ब्रोकली उगा रहा सहारनपुर का ये किसान, बदल रहा खेती के तरीके |

यह वाकई दिलचस्प और प्रेरणादायक कहानी है! ऐसा लगता है कि वह युवक खेती के प्रति अपने प्यार और विश्वास को लेकर पूरी तरह से समर्पित है। आजकल जब लोग सरकारी नौकरी को एक बड़ी उपलब्धि मानते हैं, तो ऐसे में किसी का ये कदम उठाना किसी साहसिक निर्णय से कम नहीं है। शायद उसकी नजर में सच्ची खुशी और संतुष्टि कहीं और ही है, जो उसे खेती में मिल रही है।

यह कहानी यह भी दिखाती है कि किसानों के लिए खेती केवल एक पेशा नहीं, बल्कि एक जीवन का हिस्सा बन सकती है, अगर उसे सही तरीके से किया जाए। आप इस कहानी से क्या महसूस करते हैं?

मयंक सिंह का यह कदम सच में अद्वितीय और प्रेरणादायक है। सरकारी नौकरी को छोड़कर एक नई दिशा में कदम रखना, खासकर खेती जैसे पारंपरिक क्षेत्र में, अपने आप में एक बड़ा साहसिक फैसला है। ब्रोकली जैसी उच्च पौष्टिकता वाली फसल को अपनाकर उन्होंने न केवल परंपरागत खेती को नया रूप दिया, बल्कि मल्चिंग जैसी तकनीक को भी अपनाया, जो आजकल की आधुनिक कृषि पद्धतियों में महत्वपूर्ण मानी जाती है।

मल्चिंग विधि का उपयोग मिट्टी की नमी बनाए रखने, कटाव को कम करने और खरपतवार नियंत्रण में मदद करने के कारण काफी कारगर साबित हो सकता है। इस तरह की तकनीकों को अपनाकर मयंक सिंह सिर्फ फसल उत्पादन में ही नहीं, बल्कि पर्यावरण को भी संरक्षित करने में योगदान दे रहे हैं। यह दिखाता है कि खेती में नई सोच और विज्ञान का समावेश कैसे पारंपरिक तरीकों को और भी सशक्त बना सकता है।

मल्च विधि एक ऐसी तकनीक है जो कृषि में मिट्टी की गुणवत्ता और फसल की वृद्धि को बेहतर बनाने में मदद करती है। इसमें खेत के आस-पास और पौधों के चारों ओर किसी भी प्रकार का पदार्थ डालकर उसे ढक लिया जाता है, जिसे “मल्च” कहा जाता है। यह मल्च जैविक (जैसे सूखी घास, पत्तियां, खाद) या अकार्बनिक (जैसे प्लास्टिक शीट्स, रबर चिप्स) सामग्री हो सकती है।

मल्च विधि के कई फायदे हैं:

  1. मिट्टी की नमी बनाए रखना: मल्च से मिट्टी में पानी की वाष्पीकरण दर कम हो जाती है, जिससे नमी बनी रहती है, और जल संरक्षण में मदद मिलती है।
  2. खरपतवार की समस्या कम करना: मल्च पौधों के चारों ओर से खरपतवारों को बढ़ने से रोकता है, क्योंकि इसे धूप नहीं मिल पाती, और यह पौधों के लिए जगह बनाने में मदद करता है।
  3. मिट्टी का तापमान बनाए रखना: सर्दियों में मल्च मिट्टी को गर्म बनाए रखने में मदद करता है, जबकि गर्मियों में यह मिट्टी को ठंडा रखने का काम करता है।
  4. पाले से बचाव: सर्दियों में, मल्च पौधों को पाले से सुरक्षित रखने में मदद करता है, क्योंकि यह पौधों को अतिरिक्त ठंड से बचाता है।

मयंक सिंह का मल्च विधि से ब्रोकली की खेती करना एक बेहतरीन उदाहरण है, जो यह दर्शाता है कि किस तरह से आधुनिक कृषि पद्धतियाँ परंपरागत खेती के साथ जुड़कर अच्छे परिणाम ला सकती हैं। यह न केवल खेती के काम को आसान बनाता है, बल्कि ज्यादा उत्पादन और कम खर्च की दिशा में भी मददगार साबित हो सकता है।

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