“उपमुख्यमंत्री अजीत पवार ने टिप्पणी की कि इस कदम को किसानों द्वारा तेजी से अपनाए जाने के लिए इसे व्यावहारिक व आर्थिक दृष्टि से लागू करना ज़रूरी है|”
कृषि उत्पादकता बढ़ाने और किसानों की उत्पादन लागत को कम करने के उद्देश्य से, महाराष्ट्र सरकार कृषि क्षेत्र में कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) के प्रयोग पर विचार कर रही है। यह पहल उपमुख्यमंत्री अजीत पवार ने सोमवार, 3 फरवरी 2025 को राज्य के कृषि अधिकारियों और हितधारकों के साथ एक समीक्षा बैठक में की घोषणा की। सरकार का लक्ष्य एआई की क्षमताओं का उपयोग कर कृषि तकनीकों को बेहतर बनाना, फसलों की उपज में सुधार करना और कृषि प्रक्रियाओं को सरल बनाना है, जिससे किसानों को आर्थिक लाभ मिले। अजीत पवार ने यह भी स्पष्ट किया कि इस पहल को सफल बनाने के लिए यह व्यावहारिक और आर्थिक रूप से व्यवहार्य होना चाहिए, ताकि किसान इसे आसानी से अपना सकें। महाराष्ट्र की यह कोशिश कृषि को आधुनिक और अधिक प्रभावी बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है, जिससे किसानों को बेहतर और स्मार्ट समाधान मिल सकें।
लोगों का ध्यान आकर्षित करते हुए श्री पवार ने ये भी कहा – “एआई फसल की सेहत, प्रदूषित मिट्टी का कार्बन स्तर और बदतर मिट्टी की गुणवत्ता आदि के सबसे महत्वपूर्ण पहलुओं को छू सकता है। व्यापक स्तर पर करने के प्रयासों से हम फसलों की पैदावार को बढ़ाने के साथ साथ किसानों की परेशानियां भी दूर कर सकते हैं।”
इसके बाद श्री पवार ने स्वामी विवेकानंद शैक्षणिक परिसर में पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि उन्होंने प्रदेश के सहकारिता और कृषि मंत्रियों को दिए गए अपने निर्देश में विस्तार करते हुए प्रगति रिपोर्ट की स्वीकृति देने से पहले फसलों के पैदावार में मदद देने वाली विधियों जैसे – आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का अंतर शामिल करने बशर्ते मांग आधारित वर्धन प्रणाली को भी तवज्जो देने का संकल्प लिया है।
किसानों की लागत बचत तथा कृषि उत्पादकता में वृद्धि करने के उद्देश्य से महाराष्ट्र सरकार कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) का उपयोग करने पर विचार कर रही है। उपमुख्यमंत्री अजीत पवार ने इस पहल की जानकारी सोमवार (3 फरवरी, 2025) को राज्य के कृषि अधिकारियों एवं अन्य संबंधित सदस्यों के साथ समीक्षा बैठक के दौरान दी। अजीत पवार ने राज्य के कृषि एवं सहकारिता विभागों को बचत श्रम, उच्च सौम्य, इमेज और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का उपयोग करके कृषि उद्योग की संपूर्ण विधियों का श्रेणीबद्ध आर्थिक अध्ययन करने का निर्देश दिया। इस बैठक में राज्य के सहकारी मंत्री पंकज भोयर, कृषि मंत्री माणिकराव कोकाटे, राज्य मंत्री कृषि अशिष जायसवाल, अखिल भारतीय अंगूर उत्पादक संघ के अध्यक्ष कैलाश पाटिल तथा अन्य वरिष्ठ अधिकारियों ने भाग लिया।
अधिकारियों के अनुसार, श्री पवार ने आगे यह भी कहा कि फसलों की स्वास्थ्य, खेतों के कार्बन स्तर, मिट्टी की गुणवत्ता को आँकने में एआई बहुत महत्वपूर्ण रहेगी। प्रायोगिक स्तर पर इसे लागू करके हमारा उद्देश्य कृषि अपार दृष्टि में वृद्धि तथा किसानों की लागत बचत करना है। किसानों की सहूलियत एवं आर्थिक हरियाली भी दी गई है।