आदिवासी किसान श्रवण कुमार का मक्का उत्पादन: धान की जगह मक्का से दोगुना मुनाफा ।

कृषि क्षेत्र में बदलाव और नवाचार की दिशा में कई प्रेरणादायक कहानियां हैं, और छत्तीसगढ़ के बालोद जिले के आदिवासी किसान श्रवण कुमार की सफलता एक शानदार उदाहरण है। पहले, वे अपनी जमीन पर ग्रीष्मकालीन धान की खेती करते थे, लेकिन एक दिन कृषि विभाग के अधिकारियों से मक्का की खेती के बारे में जानकारी प्राप्त करने के बाद, उन्होंने अपने तरीके को बदलने का निर्णय लिया। यह कदम उनके जीवन को पूरी तरह से बदलने वाला साबित हुआ, और मक्का की खेती से उन्हें न केवल आर्थिक लाभ हुआ, बल्कि उन्होंने खेती के प्रति अपनी सोच और दृष्टिकोण को भी नया आकार दिया।

शुरुआत में, श्रवण कुमार को मक्का के उत्पादन के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं थी, लेकिन कृषि विभाग के द्वारा दिए गए मार्गदर्शन ने उन्हें सही दिशा दिखाई। विभाग ने उन्हें मक्का की उपयुक्त किस्मों, उर्वरकों, सिंचाई व्यवस्था और फसल चक्र के बारे में विस्तार से जानकारी दी। इससे श्रवण कुमार ने मक्का की खेती में प्रयोग किया और अपनी दो एकड़ भूमि में इसकी खेती शुरू की।

श्रम और लगन के साथ, उन्होंने मक्का की खेती में विशेष ध्यान दिया और सही समय पर उर्वरकों का उपयोग किया। श्रवण कुमार ने भूमि की मिट्टी की जांच भी करवाई और इस प्रकार उनकी खेती का हर पहलू बेहतर हुआ। उनका सबसे बड़ा लाभ यह था कि मक्का को धान की तुलना में कम पानी की आवश्यकता होती है, जिससे पानी की किल्लत वाले क्षेत्रों में यह एक बेहतरीन विकल्प बन जाता है। इसके अलावा, मक्का की खेती से न केवल उच्च उत्पादकता मिली, बल्कि उसे बाजार में बेहतर मूल्य भी मिला।

श्रवण कुमार के अनुसार, मक्का की खेती में उन्हें कम लागत और अधिक मुनाफा हुआ। उनके अनुसार, मक्का की खेती से हर एकड़ में 35-40 क्विंटल मक्का का उत्पादन हुआ, जिससे उनकी कुल आमदनी लगभग 88,200 रुपये तक पहुंची। वहीं, अगर वे धान की खेती करते, तो उन्हें सिर्फ 40,000 से 50,000 रुपये के आसपास ही मुनाफा होता। इस प्रकार, मक्का की खेती ने उन्हें लगभग दोगुना मुनाफा दिया।

मक्का की खेती ने न केवल श्रवण कुमार के आर्थिक स्थिति को सुधारा, बल्कि पूरे इलाके में आदिवासी किसानों के लिए एक नया रास्ता खोल दिया। अब कई अन्य किसान भी मक्का की खेती को एक बेहतर विकल्प मान रहे हैं और इसके लाभ को समझने की कोशिश कर रहे हैं। श्रवण कुमार का कहना है कि यदि किसानों को सही दिशा और मार्गदर्शन मिले, तो वे अपनी मेहनत से कोई भी फसल उगा सकते हैं और अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं।

आज, श्रवण कुमार की सफलता ने यह साबित कर दिया कि अगर कृषि क्षेत्र में सही तकनीकी जानकारी और सरकार की सहायता मिलती है, तो किसान न केवल अपनी फसल की उपज बढ़ा सकते हैं, बल्कि वे आर्थिक रूप से भी मजबूत बन सकते हैं। उनकी सफलता की कहानी एक प्रेरणा है उन किसानों के लिए जो पारंपरिक खेती में अटके हुए हैं और बदलाव की आवश्यकता महसूस करते हैं।

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