किसानों के लिए बड़ी खुशखबरी: सिंचाई को लेकर केंद्र सरकार की नई योजना।
बुधवार को केंद्र सरकार ने देश के करोड़ों किसानों के लिए एक बड़ी योजना को हरी झंडी दिखा दी है। यह योजना प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना (PMKSY) के तहत एक नई उप-योजना के रूप में लाई गई है, जिसका नाम है कमांड एरिया डेवलपमेंट एंड वॉटर मैनेजमेंट (M-CADWM)। इसे 2025-26 तक लागू किया जाएगा और इसके लिए 1600 करोड़ रुपये का बजट तय किया गया है।
इस योजना का मकसद बहुत साफ है—देश के खेतों तक समय पर और पर्याप्त पानी पहुंचाना। खासकर उन किसानों को फायदा मिलेगा जिनके पास छोटी या सीमांत ज़मीनें हैं, और जो अक्सर सूखे या असमान बारिश से परेशान रहते हैं।
क्या खास है इस योजना में ?
अब तक हमने देखा है कि बहुत से गांवों में पुराने नहरें टूट चुकी हैं, या फिर पानी खेतों तक पहुंचते-पहुंचते आधा रास्ते में ही बर्बाद हो जाता है। इस योजना के तहत सरकार इन पुरानी नहरों और जल स्रोतों को नई तकनीक से जोड़ने जा रही है। मतलब अब खेतों में पानी समय पर और सही मात्रा में पहुंचेगा। इसके लिए सरकार SCADA और IoT जैसी आधुनिक तकनीकों का इस्तेमाल करेगी, जिससे हर खेत की जरूरत के मुताबिक पानी दिया जा सकेगा। इससे न सिर्फ पानी की बचत होगी बल्कि फसल की उपज भी बेहतर होगी।
जमीन के नीचे पाइपलाइन, पानी की सीधी सप्लाई ।
योजना में एक बड़ी बात यह भी है कि एक हेक्टेयर तक की ज़मीन वाले खेतों में भूमिगत दबावयुक्त पाइपलाइन बिछाई जाएगी। यानी अब खुली नहरों की जगह पाइपों से सीधे खेत में पानी पहुंचेगा। इससे पानी की बर्बादी रुकेगी और ड्रिप व स्प्रिंकलर जैसी सूक्ष्म सिंचाई तकनीकों को बढ़ावा मिलेगा। इसका सीधा फायदा किसानों को उनकी फसलों में दिखेगा—कम पानी में ज़्यादा उपज।
गांव की समितियां संभालेंगी जिम्मेदारी ।
इस योजना की सबसे अच्छी बात यह है कि पानी की देखभाल अब सरकारी अफसर नहीं, बल्कि खुद गांव के लोग करेंगे। इसके लिए वॉटर यूजर सोसाइटियों (WUS) बनाई जाएंगी, जिन्हें सरकार पांच साल तक आर्थिक मदद देगी। इसके अलावा इन्हें FPOs (किसान उत्पादक संगठन) और PACS (प्राथमिक कृषि सहकारी समितियों) से जोड़ा जाएगा, ताकि ये समितियां आत्मनिर्भर बन सकें और किसान संगठित होकर काम कर सकें।
सिर्फ सिंचाई नहीं, खेती को तकनीक से जोड़ने की कोशिश।
सरकार का कहना है कि यह योजना सिर्फ खेतों तक पानी पहुंचाने के लिए नहीं है, बल्कि इसका मकसद युवाओं को खेती की तरफ वापस लाना भी है। आज के युवा खेती से दूर जा रहे हैं क्योंकि उन्हें लगता है कि इसमें मेहनत है, लेकिन मुनाफा नहीं। लेकिन जब खेती में तकनीक आएगी, सिंचाई अपने-आप हो जाएगी, तो खेती एक समझदार और सम्मानजनक पेशा बन सकता है। इससे गांवों में रोजगार के नए मौके भी बनेंगे।
सरकार की ये नई योजना किसानों के लिए एक उम्मीद की किरण है। पानी की सही व्यवस्था से न सिर्फ खेत हरे-भरे होंगे, बल्कि किसानों के चेहरे पर भी मुस्कान लौटेगी। जब खेतों में समय पर पानी पहुंचेगा, जब युवाओं को खेती में रोजगार दिखेगा, और जब गांव खुद अपने संसाधनों को संभालने लगेंगे—तभी तो असली विकास होगा। M-CADWM योजना उसी दिशा में एक मजबूत कदम है।

