प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (पीएम-किसान) योजना ने 2019 में लॉन्च होने के बाद से भारत के किसानों को महत्वपूर्ण सहयोग दिया है और 2025 में भी यह जारी है। भारत सरकार ने इस योजना की शुरुआत छोटे और सीमांत किसानों को सशक्त बनाने के उद्देश्य से की थी, जो देश की कृषि अर्थव्यवस्था की रीढ़ हैं। किसानों को प्रत्यक्ष आय सहायता देकर यह योजना उनके लिए जीवनरेखा साबित हो रही है।
पीएम-किसान योजना क्या है?
पीएम-किसान योजना के तहत पात्र किसानों को हर साल ₹6,000 दिए जाते हैं, जो तीन किस्तों में ₹2,000-₹2,000 के रूप में सीधे उनके बैंक खातों में डाले जाते हैं। यह राशि डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (DBT) के माध्यम से भेजी जाती है, जिससे पारदर्शिता बनी रहती है और किसी प्रकार की गड़बड़ी की संभावना कम हो जाती है। यह योजना छोटे किसानों के लिए बेहद सहायक रही है, जिन्हें अक्सर कृषि इनपुट्स की व्यवस्था करने में कठिनाई होती है।
पीएम-किसान 2025: ताज़ा अपडेट्स
- अगली किस्त की समयसीमा – किसानों के लिए अगली किस्त 2025 की पहली तिमाही में जारी होने की उम्मीद है। किसान इसे पीएम-किसान पोर्टल पर चेक कर सकते हैं।
- ई-केवाईसी अनिवार्य – किस्त प्राप्त करने के लिए किसानों को ई-केवाईसी पूरी करनी होगी। इससे यह सुनिश्चित होता है कि लाभ सही किसानों तक पहुँचे और कोई डुप्लीकेशन न हो। किसान इसे ऑनलाइन या कॉमन सर्विस सेंटर (CSC) में पूरा कर सकते हैं।
- लाभार्थी सूची अपडेट – सरकार ने राज्यों को निर्देश दिया है कि वे अपनी लाभार्थी सूची अपडेट करें, ताकि नए पात्र किसानों को शामिल किया जा सके और अपात्र किसानों को हटाया जा सके।
- समर्पित हेल्पलाइन समर्थन – किसानों की शिकायतों और सवालों के समाधान के लिए हेल्पलाइन और शिकायत निवारण तंत्र को और मजबूत किया गया है।
किसानों पर प्रभाव
₹6,000 की वार्षिक आय सहायता भले ही मामूली लगे, लेकिन छोटे किसानों ने इसे बीज, खाद जैसे इनपुट खर्चों और घरेलू ज़रूरतों को पूरा करने में उपयोग किया। किस्त मिलने से किसान ग्रामीण बाज़ारों में सामान खरीद पाते हैं, जिससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था में मांग भी बढ़ती है। यह योजना केवल आर्थिक मदद ही नहीं है, बल्कि किसानों की मेहनत और देश के लिए उनके योगदान का सम्मान भी है।
निष्कर्ष
2025 तक पीएम-किसान योजना ग्रामीण कल्याण योजनाओं में एक मजबूत स्तंभ के रूप में कायम है। ई-केवाईसी, पारदर्शिता और निगरानी जैसी सुधारों ने इस योजना को और अधिक प्रभावी और सुलभ बनाया है। किसानों को चाहिए कि वे अपने बैंक खाते और संपर्क जानकारी अपडेट रखें और समय-समय पर अपनी किस्त की स्थिति जांचते रहें, ताकि उन्हें समय पर लाभ मिल सके।