इससे किसानों को उनकी समस्याओं का समाधान मिलता है और उन्हें अधिक आर्थिक सहायता प्राप्त होती है। चुनाव वादों को पूरा करने का माध्यम बन सकता है और किसानों को नई योजनाओं की ओर आकर्षित किया जा सकता है।
हालांकि, चुनावी वादों का पूरा होना अक्सर विवादित होता है और कई बार उन्हें पूरा नहीं किया जाता। इससे किसानों का विश्वास कम होता है और उनकी समस्याओं का समाधान लंबित हो जाता है। चुनावी वादों का इस प्रकार का अपनाना किसानों को नुकसान पहुंचा सकता है।
इस प्रकार, चुनाव और कृषि समाचार के बीच संबंध होता है, जिससे किसानों को लाभ और हानि दोनों हो सकते हैं।