केंद्रीय खाद्य एवं सार्वजनिक आंदोलन प्रहलाद जोशी ने कहा कि भारत सरकार अतिरिक्त स्टॉक और धान की बुआई में भारी उछाल के बीच गैर-बासमती सफेद…
सरकारी जानकारी के अनुसार, राष्ट्रीय राजधानी में प्याज की सामान्य कीमतें सीमित आपूर्ति के कारण 58 रुपये प्रति किलोग्राम पर बनी रहीं। उपभोक्ता मामले विभाग…
पिछले पखवाड़े में, बारिश के आगे फैलाव के कारण कुल बुवाई क्षेत्र 6 सितंबर तक 109.23 मिलियन हेक्टेयर तक पहुंच गया है, जो एक साल…
40 वर्षीय रवि प्रकाश मौर्य एक तरह से ‘काले आलू के चैंपियन’ बन गए हैं। पेशे से लेखक मौर्य पिछले पांच सालों से इस सब्जी…
केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मंगलवार को कृषि क्षेत्र में निवेश बढ़ाने की आवश्यकता पर जोर देते हुए कृषि प्रौद्योगिकी क्षेत्र में निवेश…
इससे किसानों को उनकी समस्याओं का समाधान मिलता है और उन्हें अधिक आर्थिक सहायता प्राप्त होती है। चुनाव वादों को पूरा करने का माध्यम बन सकता है और किसानों को नई योजनाओं की ओर आकर्षित किया जा सकता है।
हालांकि, चुनावी वादों का पूरा होना अक्सर विवादित होता है और कई बार उन्हें पूरा नहीं किया जाता। इससे किसानों का विश्वास कम होता है और उनकी समस्याओं का समाधान लंबित हो जाता है। चुनावी वादों का इस प्रकार का अपनाना किसानों को नुकसान पहुंचा सकता है।
इस प्रकार, चुनाव और कृषि समाचार के बीच संबंध होता है, जिससे किसानों को लाभ और हानि दोनों हो सकते हैं।
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